रक्षा/सुरक्षा


  • भारतीय थल सेना अध्यक्ष बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे पर रवाना(12:29)
    नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)| थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे 5 जून से 6 जून तक बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। सोमवार को बांग्लादेश के लिए रवाना हुए जनरल मनोज पांडे अपनी इस यात्रा के दौरान, बांग्लादेश के सेना प्रमुख व वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात और चर्चा के दौरान भारतीय थल सेना अध्यक्ष वहां बांग्लादेश में भारत-बांग्लादेश रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
  • गृह मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए बनाया न्यायिक आयोग(23:52)
    इंफाल/नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मणिपुर में हालिया सिलसिलेवार जातीय हिंसा की जांच के लिए रविवार को गौहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। मणिपुर में हिंसा ने अब तक 98 लोगों की जान ले ली है और 315 लोग घायल हो चुके हैं।
  • भारत में समुद्री प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं रॉयल सऊदी नौसेना के कैडेट(15:11)
    नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)| भारत के कोच्चि में किंग फहद नौसेना अकादमी, सऊदी अरब के कैडेट समुद्री प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने सऊदी अरब के इन कैडेटस के साथ वार्तालाप भी किया है। रॉयल सऊदी नेवल फोर्स (आरएसएनएफ) के 55 कैडेट पांच निर्देशक स्टाफ के साथ भारतीय नौसेना के पोत प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन जहाजों, आईएनएस तिर और आईएनएस सुजाता से जुड़े हुए हैं।
  • कोई भी इतना अक्षम न हो कि परिजन की लाश साईकिल या कंधे पर ले जाना पड़े : राजनाथ सिंह(12:24)
    नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)| दिल्ली में आयोजित एक इकोनामिक कॉन्क्लेव में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "जब मैं 2047 के भारत की कल्पना करता हूं, तो उसमें मैं ऐसी किसी भी स्थिति के तीन स्वरूप देखता हूं-पहला कि, मेरे भारत में कोई भी इतना अक्षम न हो, कि अपने किसी परिजन के मरने पर उसे लाश को साईकिल पर या कंधे पर ढोकर ले जाना पड़े। दूसरा यह कि, यदि दुर्भाग्य से कोई इतना सक्षम न हो तो सरकारी व्यवस्था इतनी मजबूत और संवेदनशील हो कि उस व्यक्ति के स्थान पर व्यवस्था यह कार्य करे। तीसरा यह, कि कई बार दूर-दराज के क्षेत्रों में जहां सरकारी तंत्र नहीं पहुंच पाता, तो वहां समाज में इतना भाईचारा हो कि अगर किसी व्यक्ति पर ऐसी आपदा आ जाए तो समाज का जो भी पहला व्यक्ति उसे देखे, वह अपने बाकी काम छोड़कर उस व्यक्ति की सहायता करे।"
  • जब-जब सेनाएं कमजोर हुई हैं, तब तब आक्रांताओं ने भारत को नुकसान पहुंचाया : रक्षा मंत्री(12:15)
    नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)| भारत का इतिहास इस बात का उदाहरण है कि जब-जब भारत में सेनाएं कमजोर हुई हैं, तब तब आक्रांताओं ने भारत को नुकसान पहुंचाया है। सेना किसी भी राष्ट्र की सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा नहीं करती, बल्कि वह उस देश की सांस्कृतिक, आर्थिक और एक प्रकार से उस देश की पूरी सभ्यता की सुरक्षा करती है। शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित एक इकनोमिक कॉन्क्लेव के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये बातें कहीं।